September 16, 2025

मध्यस्थता अभियान-2025 के अन्तर्गत जनपद न्यायालय में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का किया गया आयोजन, शिविर में आम-जनमानस को मध्यस्थता के प्रति किया जागरूक

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मध्यस्थता अभियान-2025 के अन्तर्गत जनपद न्यायालय में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का किया गया आयोजन, शिविर में आम-जनमानस को मध्यस्थता के प्रति किया जागरूक

प्रयागराज। आज दिनांकः 10.09.2025 को उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेशानुसार व माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,प्रयागराज संजीव कुमार के निर्देशानुसार मध्यस्थता अभियान-2025 (1 जुलाई से 30 सितम्बर तक) के अन्तर्गत जनपद न्यायालय, प्रयागराज मंें विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन दिनेश कुमार गौतम, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रयागराज की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम के अन्तर्गत शीर्षक “प्रतिष्ठा का संघर्ष”, “क्रूरता की दीवार” एवं “दर्द की जड़” पति-पत्नी के आपसी विवादों पर आधारित लघु नाटक आयोजित कर जनपद न्यायालय, परिसर में उपस्थित आम-जनमानस को मध्यस्थता के प्रति जागरूक किया गया। जिसमें पति-पत्नी के बीच होने वाले आपसी विवाद, गलतफहमियाँ और पारिवारिक तनाव जब अदालत तक पहुँच जाते हैं, तो समाज में केवल परिवार ही नहीं, बल्कि रिश्तों की गरिमा भी प्रभावित होती है। इन्हीं सामाजिक यथार्थों को मंच पर उतारते हुए तीन लघु नाटकों “प्रतिष्ठा का संघर्ष”, “क्रूरता की दीवार” एवं “दर्द की जड़” का सफल मंचन हुआ।
नाटकों में दिखाया गया कि पति-पत्नी का संघर्ष यदि आपसी संवाद और समझ से हल न हो तो वह न्यायालय की दहलीज तक पहुँच जाता है। अदालत में दोनों पक्ष अपनी-अपनी पीड़ा और तर्क रखते हैं, परंतु अंततः मेडिएशन (सुलह-समझौते की प्रक्रिया) के माध्यम से रिश्ते को नया जीवन मिलता है।
लघु नाटक मे जज की भूमिका मे अपर एवं सत्र न्यायालय न्यायाधीश, सचिव जिला विधिक प्राधिकरण सेवा प्रयागराज दिनेश कुमार गौतम, जो न्यायालय की मर्यादा का प्रतीक, जो दोनों पक्षों को न्यायपूर्ण समाधान की ओर प्रेरित करता है। पति की भूमिका, जिज्ञासु चैहान डॉक्टर अजय मेहरा, प्रवीण कुमार त्रिपाठी अनीश शर्मा विपिन सहायक डॉ आरव मेहता पत्नी डॉ सीमा मेहरा, प्रज्ञा शर्मा डॉ प्रिया की भूमिका निभाई अनुष्का कुशवाहा, पूजा यादव और आरती यादव ने पत्नी ने, वकील की भूमिका मे विकास गुप्ता और निखिल मिश्रा, मेडिएटर की भूमिका निभाई देवेश शुक्ला, रेनू देवी, प्रतिभा मिश्रा ने, आशीष ने पेशकार की भूमिका तथा संगीत स्वर अमित यादव का रहा। नाट्य लेखन एवं निर्देशक ऋतंधरा मिश्रा ने बताया कि इन प्रस्तुतियों का उद्देश्य यह संदेश देना है कि वैवाहिक संबंधों में विश्वास, संवाद और सहिष्णुता आवश्यक है। अदालत तक पहुँचने से पहले विवाद का समाधान मेडिएशन और परामर्श से किया जा सकता है।
परिवार का टूटना केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि पूरे समाज की संरचना को प्रभावित करता है।
इन नाटकों ने दर्शकों को गहन आत्ममंथन करने पर विवश किया और यह स्पष्ट किया कि समझौता ही संबंधों को बचाने का सशक्त उपाय है।
दिनेश कुमार गौतम, सचिव, जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से सभी दर्शकों एवं समाज से अपील की गई है कि पति-पत्नी के मतभेद को संवाद, सहयोग और संवेदना से सुलझाएँ। अदालत समाधान का अंतिम रास्ता हो, पहला नहीं। और विधिक प्राधिकरण के अभियान और योजनाओं के बारे में बताया तथा वरिष्ठ पत्रकार शरद द्विवेदी व श्रीकांत शास्त्री, आज तक के पत्रकार आनंद राज और वरिष्ठ रंगकर्मी विनय श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। एवं समस्त लघु नाटक प्रस्तूत कर रहें कलाकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया ।
यह जानकारी दिनेश कुमार गौतम, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रयागराज ,द्वारा प्रदान की गयी।

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