प्रयागराज समेत पूरे भारत में दिखेगा पूर्ण चंद्रग्रहण
कुछ देर बाद प्रयागराज समेत पूरे भारत में दिखेगा पूर्ण चंद्रग्रहण
जवाहर तारामंडल अधिकारी बोले – यह खग्रास ग्रहण नंगी आंखों से देखना पूरी तरह सुरक्षित
प्रयागराज। अभी कुछ मिनट के बाद आसमान में अद्भुत और दुर्लभ खगोलीय नज़ारा दिखाई देगा। प्रयागराज समेत पूरे भारतवर्ष में पूर्ण चंद्रग्रहण (Total Lunar Eclipse) होने जा रहा है। यह दृश्य खगोल विज्ञान और ज्योतिष दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जवाहर तारामंडल, प्रयागराज की अधिकारी ने बताया कि यह एक खग्रास पूर्ण चंद्रग्रहण है। इस दौरान पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाएंगे और पृथ्वी की छाया चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेगी।
आज का यह पूर्ण चंद्रग्रहण रात 9:57 बजे से प्रारंभ होकर 1:26 बजे तक रहेगा।
ग्रहण का प्रारंभ : रात 9:57 बजे
ग्रहण का मध्य : रात 11:41 बजे
ग्रहण का समापन : रात 1:26 बजे (8 सितंबर)
चंद्रग्रहण से जुड़े धार्मिक दृष्टिकोण के अनुसार, सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। इस प्रकार सूतक काल आज दोपहर 12:57 बजे से प्रारंभ हो गया है और यह ग्रहण समाप्ति तक यानी कल तड़के 1:26 बजे तक रहेगा।
पूर्णिमा की रात ही बनती है यह खगोलीय स्थिति
विशेषज्ञों के अनुसार, पूर्ण चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा की रात को ही घटित होता है। यह तभी संभव है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में चंद्र नोड (Lunar Node) के समीप होता है। इस स्थिति में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आकर चंद्रग्रहण का निर्माण करते हैं।
नंगी आंखों से देखना पूरी तरह सुरक्षित
जवाहर तारामंडल की अधिकारी ने लोगों से अपील की कि वे इस दुर्लभ अवसर को अवश्य देखें। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह ग्रहण पूरी तरह सुरक्षित है, इसे नंगी आंखों से देखा जा सकता है और इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते। उन्होंने कहा –
“लोगों को इस खगोलीय चमत्कार को अपनी आंखों से अवश्य देखना चाहिए। यह हर बार आसानी से नहीं मिलता।”
क्यों हो जाता है चंद्रमा लाल?
पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरता है, तो छोटी तरंगदैर्ध्य वाली किरणें (नीला, बैंगनी) बिखर जाती हैं। वहीं लंबी तरंगदैर्ध्य वाली किरणें, जैसे लाल और नारंगी, मुड़कर चंद्रमा की सतह तक पहुँचती हैं। इसी कारण ग्रहण के समय चंद्रमा लाल-नारंगी आभा में दिखाई देता है। इस मनोहारी दृश्य को ही आम बोलचाल में ‘ब्लड मून’ कहा जाता है।