अगस्त क्रांति ने भारत छोड़ो नर अंतिम पड़ाव अंतिम हथियार था-प्रो रीता जोशी
शहीद महावीर प्रसाद की शहादत पर पुलिस बैंड वादन और दीपदान
प्रयागराज। 17 अगस्त 1942 को शहीद हुए महावीर जी की शहादत में आज शहीदवॉल पर बोलते हुए प्रोफेसर गीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि अगस्त क्रांति में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान सबसे ज्यादा शहादत हुई साथ ही यह आजादी का अंतिम पड़ाव और अंतिम हथियार था। उन्होंने कहा कि शहीदवॉल एक दीवार नहीं है बल्कि यह हमारा इतिहास है। एक व्यक्ति की मेहनत के फल स्वरुप आज हम अपने पूर्वजों का इतिहास जान पा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा की भारत छोड़ो आंदोलन के समय ही गांधी जी ने कह दिया था कि अब कोई समझौता नहीं होगा । उन्होंने कहा कि पूरे भारत में घर-घर से लोग सड़क पर आकर अंग्रेजों का विरोध करने लगे जिसके कारण से अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा हम। विस्मृत शहीदों के लिए इस सरकार ने एक पुस्तक बने उन्हें ढूंढ ढूंढ कर निकल गया उनके बारे में जानकारी एकत्र की गई।
इस अवसर पर शहीदवॉल के संस्थापक वीरेंद्र पाठक ने बताया कि आज 17 अगस्त को प्रयागराज के लाल महावीर प्रसाद में आजादी के लिए अपना बलिदान दिया था वह किरदार निवासी थे।
शहीद महावीर प्रसाद के सम्मान में पुलिस बैंड वादन किया गया । बाद में सभी ने दीपदान करके शहीदों को नमन किया।
इस अवसर पर सुनीता सत्येन्द्र चोपड़ा सभासद, राकेश कुमार तिवारी उप नियंत्रण नागरिक सुरक्षा अभिषेक शुक्ला, मो आमिर अनुपम श्रीवास्तव, जूही श्रीवास्तव, अनवर खान शिशिर गुप्ता प्रमुख थे।