June 1, 2025

नारद जयन्ती पर गोष्ठी एवं पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन

0

 

नारद जयन्ती पर गोष्ठी एवं पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन

पत्रकार जो कहते हैं, लिखते हैं, वही समाज सत्य मानता है – आचार्य सत्यकाम

देश में रहकर देश के खिलाफ लिखना नैतिक अपराध – आचार्य सत्यकाम

प्रयागराज.। आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष्य में रविवार को हिंदुस्तानी अकादमी में विश्व संवाद केंद्र प्रयागराज काशी प्रांत के द्वारा वैचारिक गोष्ठी एवं पत्रकार सम्मान समारोह आयोजित किया गया । कार्यक्रम का प्रारंभ में देवर्षि नारद के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। उक्त अवसर पर ‘राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु जनमत निर्माण में मीडिया की भूमिका’ विषयक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अपनी अपनी विधाओं मे 5 ख्याति लब्ध मीडिया कर्मी पत्रकार सम्मानित किए गए जिनमें वीरेंद्र पाठक ब्यूरो इंचार्ज ए एन आई प्रयागराज मंडल, शरद द्विवेदी मुख्य संवाददाता दैनिक जागरण, मनीष मिश्रा संवाददाता दैनिक भास्कर, शिव पूजन सिंह सिटी हेड, नव भारत टाइम्स, प्रयागराज, उमा शंकर गुप्ता, डी डी न्यूज को उनके विशिष्ट पत्रकारिता के लिए मंचासीन अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। विषय प्रवर्तन संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ मुरारजी त्रिपाठी ने किया। उन्होंने मीडिया की बदलती भूमिका को रेखांकित किया। राजेन्द्र सक्सेना (क्षेत्र मार्ग प्रमुख) ने नारद जी की जयंती को ज्येष्ठ कृष्ण द्वितीया को मनाने के ऐतिहासिक संदर्भ साझा किए। उन्होंने बताया कि ‘उदन्त मार्तंड’ नामक भारत की प्रथम हिनदीपत्रिका के संपादकीय में भी नारद जयंती का उल्लेख है।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए आचार्य सत्यकाम, कुलपति राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने कहा, “पत्रकार जो कहते हैं, लिखते हैं, वही समाज सत्य मानता है। इसीलिए पत्रकारों की भूमिका अत्यंत जिम्मेदारीपूर्ण होती है।” उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर भी चेताया और इसे पत्रकारिता के मूल्यों के प्रतिकूल बताया। उन्होंने पत्रकारों का आह्वान किया कि वेसाहित्य संस्कृति एवं कला को भी खबरों मेप्रमुखता से स्थान दें। भारत एक प्राचीन राष्ट्र है। संस्ःकृति की जडे बहुत गहरी हैं. एकराष्ट्र के रूप में भारत तभी सुरक्षित रह पाएगा जब संस्कृति और कला का संरक्षण होगा।कुलपति ने देश के बलिदानियों की गौरव गाथा स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया । साथ हीअपनी प्रतिबद्धता जताई कि वे प्रयाग में रहकर संस्कृति केयोगदान के लिए अपना वांछित सहयोग देते रहेंगे। कश्मीर में ऐसी सामाजिक स्थिति का निर्माण किया जाय कि वहां कश्मीरी लोग ही आतंकवादियों का कालर पकड़ कर बाहर निकालें। समाचार पत्र के मालिकों की इच्छा के अनुसार कलम चलाने वाले पत्रकार नारद की भूमिका का निर्वहन नहीं कर सकते। पत्रकारों को दुधारी तलवार पर चलना पड़ता है इसलिए पत्रकारों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए समाज को भी सोचना पड़ेगा।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राजेंद्र सक्सेना, प्रांत प्रमुख काशी ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य विषय था — “राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु जनमत निर्माण में मीडिया की भूमिका”, जिस पर वक्ताओं ने गहन विचार प्रस्तुत किए।
विचार गोष्ठी के विशिष्ट वक्ता एएनआई के ब्यूरो चीफ वीरेन पाठक जी ने अपने ओजस्वी संबोधन में प्रयागराज की पत्रकारिता की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को उजागर किया। उन्होंने 12 अगस्त 1942 की घटना का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार 30 वर्षीय युवा लाल पद्मधर, ननका जी ने शहर कोतवाली में यूनियन जैक को उतारकर तिरंगा फहराया, जिसके लिए उन्हें बलिदान देना पड़ा। उन्होंने कहा कि “हमें समाज निर्माण के लिए पहले स्वयं को उस योग्य बनाना होगा।”
गोष्ठी संचालन वसु पाठक एवं रितेश कुमार सिंह द्वारा किया गया।
इस अवसर पर श्री चारु मित्र, श्री कृष्ण मनोहर, श्री रितेश जी व्रतशील शर्मा गार्गी श्रिवास्तव शमशेर जमदग्नि सहित अनेक शिक्षक अधिवक्ता एवंगणमान्य जन उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापनश्री बसु पाठक जी ने किया।
उक्त जानकारी प्रांत प्रचार टोली के सदस्य एवं मीडिया मॉनिटरिंग आयाम प्रमुख संतोष तिवारी ने दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

चर्चित खबरे