बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पाकिस्तान पर साधा निशाना, कहा-पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, कर्नल सोफिया कुरैशी को बताया गर्व का प्रतीक

छतरपुर। रविवार को श्री लक्ष्मी-नारायण महायज्ञ में शामिल होने छतरपुर के मोटे महावीर मंदिर पहुंचे बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मीडिया से बातचीत में पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला और भारतीय सेना की जमकर तारीफ की। उन्होंने जिले के नौगांव में जन्मीं- कर्नल सोफिया कुरैशी को बेटियों के लिए मिसाल बताया। महायज्ञ में शामिल होने आए श्रद्धालुओं ने महाराज श्री के बयानों का समर्थन करते हुए उनकी राष्ट्रभक्ति की सराहना की। आयोजन में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद है, यह सुधर नहीं सकता। कुत्ता की पूंछ पुंगरिया में डालो, टेढ़ी की टेढ़ी निकलती है, वही हाल पाकिस्तान का है। हमें भरोसा है कि यह कितने भी समझौते कर ले लेकिन हर बार सीजफायर का उल्लंघन करेगा। जब तक उनके घर में घुसकर जवाब नहीं देंगे, तब तक इन्हें समझ नहीं आएगा। भारत की सेना और प्रधानमंत्री के पास इससे बेहतर उपाय नहीं है। समझदार को इशारा काफी है। वहीं नौगांव में जन्मीं कर्नल सोफिया कुरैशी की तारीफ करते हुए महाराज श्री ने कहा कि हमें गर्व है कि बुंदेलखंड की धरती, छतरपुर के नौगांव से भारतीय सेना में अपनी कार्यशैली से बेटियों के लिए मिसाल कायम करने वाली सोफिया कुरैशी ने दिखाया कि हमारी बेटियां बेटों से कम नहीं। वे महारानी लक्ष्मीबाई का जीता-जागता उदाहरण हैं। पाकिस्तान में बिना लड़ाई के जीत का जश्न मनाए जाने पर तंज कसते हुए शास्त्री ने कहा, पाकिस्तान में पटाखे फोड़कर जश्न मना रहे हैं कि हम जीत गए। बिना लड़ाई के जीत का जश्न सिर्फ पाकिस्तान में ही हो सकता है। हमारी सेना दो दिन पहले मिनी दीवाली मना रही थी, तब वे जश्न नहीं मना रहे थे। उनका हाल वही है, जैसे बुंदेलखंड की कहावत-खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे।
सेना भर्ती से ज्यादा जरूरी है तैयारी
भारतीय सेना की तैयारियों पर जोर देते हुए महाराज श्री ने कहा, सेना भर्ती से ज्यादा जरूरी है तैयारी, जो घर-घर में होनी चाहिए। प्रत्येक गांव, कस्बे में भारत के प्रति समर्पित बालक-बालिकाओं को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। ऐसे ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएं, ताकि जरूरत पड़ने पर गांव-गांव के नौजवान बॉर्डर पर जाकर 140 करोड़ लोगों की रक्षा कर सकें। यदि हमें भी मैदान में उतरना पड़े, तो शास्त्र और शस्त्र दोनों की विद्या के साथ भारतीय सेना के कदम से कदम मिलाकर भारत माता की रक्षा करना सौभाग्य होगा।