समृद्ध और खुशहाल बुंदेलखंड बनाने की कामना: पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री
छतरपुर। बागेश्वर महाराज ने बुंदेलखंड महाकुंभ के सफल आयोजन पर मीडिया, अधिकारियों का जताया आभार, किया सम्मान
छतरपुर। सिद्ध क्षेत्र बागेश्वर धाम में आयोजित महाकुंभ का सफल आयोजन होने पर बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने मीडिया, प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों, समाजसेवियों सहित उन सबका आभार जताते हुए धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस महाकुंभ में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग किया है। बीते रोज उन्होंने सबको साधुवाद देते हुए कहा कि उनकी कामना है कि बुंदेलखंड समृद्ध और खुशहाल बने।
मीडिया का साधुवाद देते हुए महाराजश्री ने उनके सवालों का जवाब का देते हुए कहा कि बुंदेलखंड एक नई यात्रा शुरु कर रहा है। यहां स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अत्यंत कार्य करने की जरूरत है। बागेश्वर महाराज ने कहा कि उनका संकल्प है कि बुंदेलखंड को स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार की दिशा में आगे ले जाना है। महाराज श्री ने कहा कि बुंदेलखंड पिछड़ा न रहे, यहां के लोगों का जीवन स्तर सुधरे ऐसे प्रयास सबको मिलकर करना है। महाराजश्री ने सभी मीडिया साथियों सहित अधिकारियों, कर्मचारियों, सेवादारों, शिष्य मंडल के सदस्यों सहित बुंदेलखंड के महाकुंभ में लगे सभी लोगों का आभार जताया। कांग्रेस के एक नेता द्वारा महाराजश्री को अपशब्द कहे जाने पर कांग्रेस के ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पलटवार करते हुए महाराजश्री के कार्यों को सराहा था। मीडिया के इस सवाल के जवाब में महाराजश्री ने दिग्विजय सिंह का आभार जताया। महाराज श्री ने सभी को प्रशिस्त पत्र देकर सम्मानित किया।
परीक्षार्थियों को महाराजश्री ने दी सलाह
बोर्ड परीक्षाओं में शामिल परीक्षार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए बागेश्वर महाराज ने उन्हें सलाह दी कि वे प्रसन्नचित्त होकर परीक्षा दें। उन्होंने कहा कि परीक्षा देने से परिणाम आने तक विद्यार्थी धैर्य रखें। परिणाम कुछ भी हों उससे विचिलत नहीं होना। घबराकर आत्मघाती कदम कतई नहीं उठाना क्योंकि यदि एक साल निकल गया तो पूरी जिंदगी नहीं निकल जाती। उन्होंने एक उदाहरण देकर विद्यार्थियों को संदेश दिया कि कई ऐसे महापुरुष हैं जो विषय की परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुए मगर जीवन के अन्य क्षेत्रों में उन्होंने सफलता के झंडे गाड़े हैं।
जातिगत नहीं अमीर और गरीब की गणना हो
मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए महाराजश्री ने कहा कि जातिगत जनगणना से वैमनस्यता फैलने के अलावा और कोई फायदा नहीं होना। यदि जनगणना ही करानी है तो देश में अमीर और गरीब की जनगणना होनी चाहिए ताकि गणना से यह आंकड़े निकलें कि देश में वास्तविक गरीब कितने हैं। इस गणना के आधार पर ही लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की योजनाएं लागू की जानी चाहिए।