February 4, 2025

प्रयागराज में संविधान और संस्कृति का संगम, राधे श्याम चैरिटेबल फाउण्डेशन के तत्वाधान में संस्कार सम्मेलन 2025 का आयोजन

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प्रयागराज में संविधान और संस्कृति का संगम, राधे श्याम चैरिटेबल फाउण्डेशन के तत्वाधान में संस्कार सम्मेलन 2025 का आयोजन


प्रयागराज में आज बसंत पंचमी के पावन अवसर पर जहॉ एक तरफ आस्था की डुबकी लग रही थी वहीं संविधान और संस्कृति के संगम विषय पर गहन चर्चा भी हुई। राधे श्याम चैरिटेबल फाउण्डेशन के तत्वाधान में संस्कार सम्मेलन 2025 का आयोजन किया गया जिसका विषय था ‘संविधान और संस्कृति‘। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व राज्यपाल और देश के वरिष्ठ राजनीतिज्ञ श्री कलराज मिश्र जी ने वेदों का उदाहरण देकर हमारी संस्कृति, संस्कार और संविधान को एक सूत्र में पिरो दिया। श्री कलराज जी ने कहा कि हमारे यहॉ श्रुति वेदों की परम्परा रही जिससे वेदों को गढ़ा गया। उन्होंने कहा कि वेद किसी व्यक्ति ने नहीं रचा बल्कि मंत्रों ने संस्कार पैदा किए जिससे संस्कृति पनपी। समाज को अनुशासन देने के लिए इन्हीं मंत्रों से संविदाए और स्मृतियॉ रची गयी। हमारा संविधान आज भी अपने संस्कारों और संस्कृति के सार को लिए हुए है।
इस व्याख्यान के दौरान उन्होंने काफी जोर देकर कहा कि कुछ लोग यह कुचक्र रच रहे हैं कि संविधान को बदलने की कोशिश हो रही है, लेकिन यह झूठ है। पूर्व राज्यपाल ने यह साफ किया कि देशहित में कुछ गैर जरूरी और राष्ट्र को खण्डित करने वाले नियमों को हटाया गया उन्होने यहॉ धारा 370 का भी जिक्र किया। इससे पहले उन्होने कार्यक्रम की शुरूआत संविधान की प्रस्तावना पढ़कर की।
मुख्य वक्ता के तौर पर पांच्यजन्य पत्रिका के संपादक श्री हितेश शंकर जी ने कहा कि हमारा संविधान किसी वाद से ग्रसित नही है और दुनिया में यही एक अपवाद है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि संविधान से छेड़छाड़ का प्रयास पूर्व में हुआ है लेकिन हमारा संविधान इतना सशक्त है कि इसकी आत्मा को हिलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि हम जन्म प्रमाण पत्र से मृत्यु प्रमाण पत्र तक संविधान में बंधे हैं लेकिन हमारे संस्कार जीवन से पहले और मृत्यु के बाद तक हमें धर्म से जोड़े रखते हैं।
कार्यक्रम में पीठाधीश्वर परम पूज्य सद्गुरू श्री ऋतेश्वर जी डिजिटली कार्यक्रम में जुड़े। इस दौरान उन्होंने कहा कि जबतक हम अपने सभी संस्कारों को समझ उसका पालन नहीं करेंगे तब तक संविधान के सार को समझ नहीं पायेंगे।
इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया इसके साथ ही देश के अलग अलग हिस्सों से लोग डिजिटली भी इस दौरान उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के स्वागत भाषण में संस्था की अध्यक्षता ने श्रीमती शशी त्रिपाठी जी ने विषय की रूपरेखा तय की और कहा कि देश और दुनिया जहॉ एक तरफ संस्कारों की डुबकी लगा रही है वहीं देश 75वे गणतंत्र दिवस के उत्सव में सराबोर है। ऐसे में प्रयागराज के पावन धरती पर संस्कृति और संविधान के विषय का संगम अद्भुत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री अव्यक्त राम त्रिपाठी जी ने की जबकि विशेष अतिथि के तौर पर महापौर श्री गणेश केशरवानी मौजूद थे उन्होंने भी उपरोक्त विषय को भावी युवा पीढ़ी के लिए एक सीख बताया।
कार्यक्रम के अन्त में आयोजक श्री सौरभ त्रिपाठी जी ने व्यक्त किया।

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