प्रयागराज महाकुंभ मेले में अर्जी वाले हनुमान 81 फीट उज्जैन कैंप का भूमिपूजन
प्रयागराज महाकुंभ मेले में अर्जी वाले हनुमान 81 फीट उज्जैन कैंप का भूमिपूजन
देश और विदेश से आए हुए साधु संतों ने सनातन बोर्ड के गठन का निर्णय लिया
27 जनवरी को धर्म संसद के रूप में एक विशाल संसद भी लगाई जाएगी
14 जनवरी से 4 फरवरी 2025 तक होने वाले प्रयागराज महाकुंभ मेले में अर्जी वाले हनुमान 81 फीट उज्जैन कैंप का भूमिपूजन 5 दिसंबर को हुआ। इस दौरान कुंभ मेला में पूरे देश और विदेश से आए हुए साधु संतों ने सनातन बोर्ड के गठन का निर्णय लिया। 27 जनवरी को धर्म संसद के रूप में एक विशाल संसद भी लगाई जाएगी। प्रयागराज महा कुंभ मेला भूमि पर 20 जनवरी से 2 फरवरी 2025 तक अनंत श्री विभूषित श्री श्री 1008 वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरीजी महाराज पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सानिध्य में महामृत्युंजय महायज्ञ होगा।
कुंभ मेला प्रभारी महंत आदित्य पुरी महाराज, सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि भूमिपूजन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी महाराज महाराज, प्रकाशानंदजी महाराज, अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता दुर्गादास जी महाराज, निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत ओंकार गिरीजी महाराज, निरंजन अखाड़े की महामंडलेश्वर गुरु मां आनंदमई जी, उत्तरप्रदेश सपा युवजन सभा के प्रदेश सचिव प्रिंस सिंह बागी,प्रेम यादव, जितेंद्र यादव, विजय नारायण पांडे, मधु पांडे, विनय दुबे, विपिन दुबे, सनी गिरी सहित हजारों की संख्या में सनातन धर्मावलंबियों की उपस्थित में हुआ। भूमिपूजन दौरान समस्त संतों महंतों की मौजूदगी में सनातन बोर्ड के गठन पर भी चर्चा की गई। जिसमें तय किया कि हिंदू धर्म के मठ मंदिरों के संरक्षण के लिए सनातन बोर्ड का गठन होगा जिससे सरकार से सारे मंदिरों को मुक्त किया जा सके। क्योंकि आज मंदिर पर सरकार है, चर्च पर नहीं है, मस्जिदों पर नहीं है और गुरुद्वारों पर नहीं है। परंतु मंदिरों पर सरकार है तो मंदिरों पर से सरकार का नियंत्रण को हटाया जाएगा। सनातन बोर्ड सारे मंदिरों का संरक्षण करेगा। प्रयाग राज तीर्थ की पावन भूमि पर महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरीजी महाराज के सानिध्य में कुंभ मेले में महामृत्युंजय महायज्ञ के साथ अन्न क्षेत्र भण्डारा, श्रीमद भागवत कथा, श्री शिव महापुराण कथा एवं महारुद्राभिषेक होगा। साथ ही गरीबों को कंबल वितरण सहित अन्य सेवा कार्य होंगे। महाकुंभ में धर्मालुजननों से यज्ञ में आहूति देकर अपने जीवन को पुण्यलाभ अर्जित करने का अनुरोध किया है।