रेल यात्रियों की समस्याओं के त्वरित समाधान को तत्पर भारतीय रेल, शिकायतों की 24 घंटे की जा रही निगरानी
रेल यात्रियों की समस्याओं के त्वरित समाधान को तत्पर भारतीय रेल, शिकायतों की 24 घंटे की जा रही निगरानी
*वर्तमान वर्ष में भारतीय रेल में खानपान ठेकेदारों पर लगाया 4 करोड़ 40 लाख का जुर्माना*
*उत्तर मध्य रेलवे मे लगा कुल 10,02,500/- रुपए का अर्थदण्ड*
भारतीय रेल अपने सम्मानित यात्रियों को सुविधापूर्ण, सुचारु, सुरक्षित एवं समस्यारहित यात्रा उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध है। यद्यपि रेल प्रशासन द्वारा इसके लिए बेहतर से बेहतर प्रयास किए जाते हैं किंतु कई बार रेल यात्री ट्रेन में यात्रा के दौरान खराब खाना, कोच-टॉयलेट में गंदगी, पानी का अभाव, खराब मोबाइल चार्जिंग, गंदा बेडरोल, खराब एसी-लाइट संबंधित शिकायतों का वीडियो-फोटो सीधे सोशल मीडिया या रेल मदद के माध्यम से शेयर करते हैं।
ऐसी शिकायतों के मिलने पर रेलवे बोर्ड सहित जोनल एवं मंडल स्तर पर रेलकर्मी त्वरित कार्रवाई करते हुए यात्रियों की समस्या का समाधान कर रहे हैं। पिछले छह महीने में शिकायतों पर गड़बड़ी मिलने पर भारतीय रेल द्वारा खानपान ठेकेदारों पर 4 करोड़ 40 लाख से अधिक का दंड लगाया गया है। इसके अतिरिक्त सफाई आदि की शिकायतें मिलने पर ऑनबोर्ड हाउस कीपिंग व अन्य रेल ठेकेदारों पर एक करोड़ से अधिक आर्थिक दंड लगाया गया है।
इसी क्रम में उत्तर मध्य रेलवे में भी अप्रैल माह से अक्टूबर माह तक कुल प्राप्त 822 शिकायतों में से 418 मामलों में कार्यवाही करते हुए संबन्धित लाइसेंसियो के विरुद्ध कुल 10,02,500/- रुपए का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है।
ज्ञात हो कि, रेल यात्रियों की सेवा में सुधार के लिए रेल मदद पर मिलने वाली शिकायतों की मॉनिटरिंग एवं निवारण के साथ ही संबंधित रेल कर्मियों या जिम्मेदार ठेकेदार पर कार्रवाई भी की जा रही है। यात्रियों की समस्याओं के निवारण के लिए रेलवे बोर्ड सहित उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय एवं तीनों मंडलों के कंट्रोल रूम में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीम सोशल मीडिया, रेल मदद ऑनलाइन, 139 पर होने वाली शिकायतों की 24 X7 निगरानी कर रही है। ज्ञात हो कि, किसी समस्या के संज्ञान में आने पर उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय व मंडलों में संबंधित कर्मी सक्रिय हो जाते हैं। वे यात्री से बात करने के साथ ही उनकी समस्या का समाधान करते हैं तथा संबंधित ठेकेदार पर शिकायत की गंभीरता के आधार पर जुर्माना लगाने के निर्देश देते हैं। इस संबंध में खान-पान विषयक शिकायतों पर कैटरिंग ठेकेदारों पर 25,000 से एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा रहा है।
कैटरिंग के अलावा ट्रेन के कोच टॉयलेट में गंदगी, गंदे बेडरोल, खराब स्विच, एसी, स्टेशन पर खराब लिफ्ट,एस्केलेटर, लाइट खराब होने पर 10,000 से 20,000 रुपये तक त्वरित जुर्माना लगाया जा रहा है। रेल यात्री द्वारा शिकायत संबंधी फोटो-वीडियो डालते ही रेलवे अधिकारी ठेकेदार पर जुर्माना लगाने के निर्देश दे रहे हैं। इसके साथ ही बार-बार एक प्रकार की शिकायत होने अथवा त्वरित समाधान नहीं होने पर वरिष्ठ अधिकारियों को भी चेतावनी दी जा रही है।