मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के रिश्वत लेनदेन के वायरल वीडियो मामले ने लिया नया मोड़
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के रिश्वत लेनदेन के वायरल वीडियो मामले ने लिया नया मोड़
सिद्धार्थनगर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के रिश्वत लेनदेन के वायरल वीडियो मामले ने लिया नया मोड़।
डिप्टी सीएमओ डॉक्टर बी एन चतुर्वेदी और नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी डॉक्टर एमएम त्रिपाठी ने खुद को बताया निर्दोष।
सीएमओ सिद्धार्थनगर बीके अग्रवाल पर लगाए गंभीर आरोप।
डॉ बी एन चतुर्वेदी का बयान मामले में रुपए की लेनदेन सीएमओ बीके अग्रवाल के कहने पर हुई हम तो थे सिर्फ एक माध्यम,इस मामले में डॉक्टर एमएम त्रिपाठी का कोई लेन देन नहीं ।
डिप्टी सीएमओ चतुर्वेदी ने अपनी सफाई में कहा कि करीब 4 महीने से चल रहा था यह प्रकरण अगर सीएमओ की नहीं थी संलिप्तता तो उन्होंने मामले की जानकारी होते हुए क्यों नहीं दिया उन्हें नोटिस।
ऑफिस में अस्पताल के प्रबंधक के उन्हें पैसा देने की बात पर पर क्यों नहीं किया कोई ऑब्जेक्शन क्यों स्वीकारी रुपए लेने की बात।
नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी एमएम त्रिपाठी ने भी इस मामले में सीएमओ पर लगाए गंभीर आरोप।
अस्पतालों और अल्ट्रासाउंड सेंटरों के सील होने के बाद बिना किसी आदेश के कैसे खुल गए उनके द्वारा सील किए गए सेंटर,इस मामले की भी हो जांच।
एमएम त्रिपाठी ने कहा कि उनके रिपोर्ट में आवेदन किए गए सेंट्रो में कमियां होने की वजह से अस्वीकृति के बावजूद सीएमओ ने लेन-देन कर करीब दो दर्जन से ज्यादा सेंटरों को जारी कर दिया रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र।
किन परिस्थितियों में उन्हें जारी हुआ प्रमाण पत्र इसकी भी हो गहनता से जांच।
डिप्टी सीएमओ बीएन चतुर्वेदी और नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी एम एम त्रिपाठी ने खुद को बताया निर्दोष और सीएमओ बीके अग्रवाल पर दबाव बनाकर गलत काम करवाने का लगाया आरोप।
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रिपोर्ट बजरंगी प्रसाद चौधरी