धुआर्जुन के सुनसान मकान में बिना हाथ का नरकंकाल मिलने से हड़कंप, महिला ने एक सप्ताह से गायब पति के रूप में की शिनाख्त
धुआर्जुन के सुनसान मकान में बिना हाथ का नरकंकाल मिलने से हड़कंप, महिला ने एक सप्ताह से गायब पति के रूप में की शिनाख्त
देवकली। सैदपुर थाना क्षेत्र के धुवार्जुन गांव में शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे सुनसान स्थान पर मौजूद खेत में बने एक मकान के अंदर एक व्यक्ति का नरकंकाल मिलने से पूरे गांव में हड़कंप मच गया। सूचना के बाद पुलिस भी हलकान हो गई और तत्काल मौके पर पहुंची। वहां कंकाल पर कुछ कपड़े मिले, वहीं टीशर्ट व कुछ कपड़े कुछ दूरी पर मिले। कंकाल का मुंड वहीं से कुछ दूरी पर मिला। घटना के बाद गांव से गायब एक व्यक्ति के परिजन कंकाल को उसी व्यक्ति का बताते हुए बिलखने लगे। जिसके बाद पुलिस ने बिना कंकाल का डीएनए टेस्ट कराए, उसे मृतक का ही कंकाल होने की बात से इंकार किया। कहा कि संभावना हो सकती है लेकिन पूर्ण रूप से नहीं कहा जा सकता। गांव के सीवान क्षेत्र के खेत में गांव निवासी संजय राजभर का मकान बना हुआ है। उस मकान में कोई नहीं रहता है। उसके आगे एक करीब 5 फीट की 3 तरफ से चहारदीवारी बनी हुई है। इस बीच आज सुबह उधर से गांव के लोग अपने खेतों में धान की रोपाई के लिए गुजर रहे थे तो कोई वहां चहारदीवारी के पास चला गया। वहां जाने के बाद अंदर नरकंकाल देखकर वो डर गए। इसके बाद इसकी सूचना पूरे गांव में फैल गई और पुलिस को भी दी गई। जिसके बाद मौके पर भीड़ जुट गई और समाजसेवी पंकज राय की सूचना पर भितरी चौकी इंचार्ज ओमप्रकाश यादव मौके पर पहुंचे। कंकाल पर सिर्फ एक काला कपड़ा दिख रहा था, जिसे देखकर वो उसका अंडरवीयर लग रहा था। वहां उसकी टीशर्ट, काला हाफ पैंट, लाल गमछा आदि कुछ दूरी पर मिला। उसका मुंड भी कुछ दूर पड़ा था। कंकाल के कुछ जोड़ों वाले हिस्से में अब भी मांस होने का पता चल रहा था। जिससे लग रहा था कि उसके शरीर के मांस को कुत्तों ने खा लिया और जो बचा वो सड़ गया होगा। वहीं कंकाल की कुछ अगली पसलियां, दोनों हाथ भी गायब थीं, जिसे देखकर लग रहा था कि कुत्तों ने मांस के साथ उसे भी नोच लिया होगा। मौके पर अब तक भारी दुर्गंध थी। इधर कंकाल मिलने की सूचना के बाद गांव निवासिनी महिला अपने बच्चे संग वहां पहुंची और कंकाल को देखकर रोने लगी। वहां मिले कपड़े आदि से उसकी पहचान उसने अपने एक सप्ताह से लापता पति गुड्डू राजभर के रूप में की। बताया कि 42 साल के गुड्डू राजभर उसके पति हैं और वो 18 जुलाई से ही गायब हैं। दो दिनों तक ढूंढने के बाद 20 जुलाई को थाने में गुमशुदगी भी दर्ज कराई गई है। पत्नी ने कहा कि कपड़े आदि के आधार पर कंकाल उसके पति का ही लग रहा है। पत्नी ने रोते हुए बताया कि उसके पति काफी ज्यादा शराब पीते थे, जिसके चलते कई बार उन्हें बच्चे टांगकर घर लाते थे। बताया कि वो ट्रैक्टर चलाते थे। बताया कि कई बार ऐसा होता था कि वो दिन में ही पीना शुरू कर देते थे और जब वो ऐसा करते थे तो कई माह तक नियमित दिन में ही पीते थे। जब रात में पीते थे तो स्थिति कुछ सामान्य रहती थी कि रात में पीकर सो गए। बताया कि 18 जुलाई को भी सुबह उठकर वो घर से निकले तो मैंने मना किया लेकिन वो नहीं माने और चले गए। इधर बाद में मौके पर सीओ शेखर सिंह सेंगर व कोतवाल विजय प्रताप सिंह मय फोर्स मौके पर पहुंचे और मुआयना करने के साथ ही प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की। महिला की आशंका पर कहा कि बिना डीएनए टेस्ट के फौरी तौर पर कुछ भी कहना उचित नहीं है। डीएनए टेस्ट करके ही उसकी पहचान की जाएगी कि ये कंकाल गुड्डू राजभर का है या किसी और का। क्योंकि महज एक सप्ताह के अंदर एक मानव शरीर का पूरी तरह से कंकाल बन जाना संभव नहीं लग रहा था। बहरहाल, ये कंकाल किसका है और यहां कैसे आया, किसी ने किसी की हत्या करके यहां शव फेंका या क्या हुआ, इसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट और स्पष्ट पहचान डीएनए टेस्ट के बाद ही हो सकेगी। कोतवाल विजय प्रताप सिंह ने बताया कि कंकाल को पीएम के लिए भेजा गया है। डीएनए टेस्ट भी कराया जाएगा।