थप्पड़ का बदला लेने के लिए बनाया गैंग और पीट पीट कर किया हत्या, सभी 5 अभियुक्त ऐसे चढ़े पुलिस के हत्थे
थप्पड़ का बदला लेने के लिए बनाया गैंग और पीट पीट कर किया हत्या, सभी 5 अभियुक्त ऐसे चढ़े पुलिस के हत्थे
गाजीपुर: बहरियाबाद थाना क्षेत्र के बघाई गांव स्थित कूड़ा निस्तारण केंद्र के पास नहर किनारे पौधे रखे गए थे। 15 जुलाई की देर शाम पौधों को देखने गए ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अनिल यादव को दो बाइक सवार हमलावरों ने लाठी- डंडे से पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। वाराणसी में इलाज के दौरान ग्राम प्रधान प्रतिनिधि की मौत हो गई।मृतक के बड़े भाई ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। आज पुलिस ने घटना का सफल अनावरण कर दिया है। हत्या के कारण को जान कर सभी अचम्भे में है। वाइस प्रिंसिपल के एक थप्पड़ के बदले में हमलावरों ने पूरी गैंग बना कर अनिल यादव की पीट पीट कर हत्या कर दिया था। हत्यारोपियो ने अपने गैंग का नाम 0001 रखा था।एसपी सिटी ज्ञानेंद्र ने बताया कि सभी आरोपियों को एसओजी और बहरियाबाद थाने की संयुक्त टीम ने शनिवार को सैय्यद बाबा मजार के पास से गिरफ्तार कर लिया। साथ ही हत्या में प्रयुक्त लोहे की चेन लगा बांस का डंडा और एक अन्य डंडा बरामद कर लिया गया। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम भुड़कुड़ा कोतवाली के झोटना गांव निवासी सोनू यादव, बघाई गांव निवासी प्रियांशु यादव, आशीष राजभर, शादियाबाद थाना के कैथौली गांव निवासी हरिओम उर्फ ओम राजभर और भुड़कुड़ा कोतवाली के रामपुर बलभद्र निवासी शिवकुमार यादव उर्फ शिवा बताया।पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य आरोपी प्रियांशु यादव है, जो अनिल यादव का पट्टीदार भी है। पूछताछ में प्रियांशु ने बताया कि दो-तीन साल पहले अनिल ने उसे कई थप्पड़ मारे थे, जिससे वह अपनी बेइज्जती महसूस कर रहा था। तभी से उसने अनिल को अपना दुश्मन मान लिया था और उससे बोलचाल बंद कर दी थी। प्रियांशु ने अपनी नाबालिग अवस्था से बालिग होने का इंतजार किया और जब वह 18 साल का हो गया, तब उसने बदला लेने का निर्णय लिया।
प्रियांशु ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर ‘0001 गैंग’ बनाई, जिसमें लगभग 900 सदस्य हैं। इन सदस्यों ने 15 जुलाई की रात अनिल यादव पर लाठी-डंडों से हमला किया। यह सभी दक्षिण भारतीय फिल्मों से प्रभावित थे और उन्होंने साइकिल की चैन लपेटकर डंडे बनाए थे, जिनसे अनिल पर हमला किया गया। इस हमले में अनिल गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अपर पुलिस अधीक्षक ज्ञानेंद्र प्रसाद ने प्रेस वार्ता में इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा किया। पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए इन आरोपियों को पकड़ा।