November 21, 2024

केरल में खिला कमल, लेफ्ट ने भी मानी भाजपा की ताकत, नेता बोले बीजेपी देश की है इकलौती पार्टी जिसका वोट शेयर बढ़ा…

0

केरल में खिला कमल, लेफ्ट ने भी मानी भाजपा की ताकत, नेता बोले बीजेपी देश की है इकलौती पार्टी जिसका वोट शेयर बढ़ा…


नईदिल्ली दक्षिण भारत के राज्य केरल में इस बार बीजेपी ने सभी को चौंकाते हुए एक लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की। यह वो राज्य है जहां पर भाजपा पिछले कई सालों से पसीना बहा रही है, लेकिन अभी तक उसे वहां पर जीत नहीं मिल सकी।लेकिन इस चुनाव में उस परंपरा ने खुद को तोड़ा और बीजेपी का डेब्यू हो गय। अब बीजेपी को मिली उस जीत को लेकर तमाम पार्टियों अपने-अपने विचार रख रही हैं, कोई इसे सिर्फ संजोग मान रहा है तो कोई भविष्य के एक बड़े खतरे के तौर पर देख रहा है।इसी कड़ी में खबर जगत ने पूर्व राज्यसभा सांसद और सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम से खास बातचीत की है उसे बातचीत में उन्होंने भाजपा की बढ़ती ताकत के बारे में विस्तार से बताया है। जब उनसे पूछा गया कि केरल में बीजेपी को मिली एक सीट पर वे क्या कहना चाहते हैं, इस पर उन्होंने कहा कि हम तो असल में 2019 के चुनाव में भी हारे थे। लेकिन इस बार एक बड़ा बदलाव यह है कि भाजपा ने अब अप्रत्याशित अंदाज में अपना विकास राज्य में किया है। एक ऐसी पार्टी के रूप में उभरी है जिसका वोट शेयर बढ़ा है। 11 असेंबली सेगमेंट में तो बीजेपी पहले नंबर पर रही है और 8 सीटों पर वह दूसरे पायदान पर आई। यह बहुत ही चिंताजनक मुद्दा है, मैं यह नहीं मानता हूं कि अकेले लेफ्ट का वोट ही बीजेपी की तरफ शिफ्ट हुआ होगा, दोनों यूडीएफ और एलडीएफ ने अपना कुछ वोट बीजेपी को खो दिया है।
सीपीआई नेता ने इस बात पर भी जोर दिया कि केरल के जिन इलाकों को वो अपना गढ़ मानते थे, वहां के वोटरों ने भी इस बार बड़ी तादाद में बीजेपी का समर्थन किया है। अब जानकारी के लिए बता दें केरल में इस बार बीजेपी के सुरेश गोपी ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए पार्टी का राज्य में जोरदार डेब्यू करवाया है। वैसे केरल में लेफ्ट को मिली इस बार की करारी हार पर नेताओं के अपने-अपने बयान सामने आ रहे हैं, लेकिन बिनॉय विश्वम मानते हैं कि एक बहुत बड़ा कारण एंटी इनकंबेंसी भी रहा है। उनके मुताबिक केंद्र सरकार ने वर्तमान की लेफ्ट सरकार को एक दुश्मन के रूप में देखा है। वैसे भी राज्य में कई प्रकार की आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिसका असर विकास कार्यों पर पड़ा है।सीपीआई नेता यह भी मानते हैं कि अब लेफ्ट को आत्ममंथन करने की जरूरत है। उसे समझाना पड़ेगा कि जिन इलाकों में पहले वो इतनी मजबूत थी, वहां पर इस बार कौन से ऐसे कारण रहे कि उसको उतना वोट नहीं मिल सका। एक बड़ा संदेश देते हुए सीपीआई नेता ने यहां तक कहा कि अब लोगों को अहंकार छोड़ना पड़ेगा और जमीन पर जाकर लोगों से बात करनी पड़ेगी, फिर संपर्क साधना पड़ेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

चर्चित खबरे