सीडीओ ने जिला क्षय रोग केंद्र का किया निरीक्षण, वॉटर कूलर का किया शुभारंभ, टीबी मरीजों को मिलेगी सुविधा
सीडीओ ने जिला क्षय रोग केंद्र का किया निरीक्षण, वॉटर कूलर का किया शुभारंभ, टीबी मरीजों को मिलेगी सुविधा
गोरखपुर। जिले के मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा ने जिला क्षय रोग केंद्र का गुरूवार को दौरा किया। वहां कार्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलीटी (सीएसआर) के तहत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग से टीबी मरीजों व उनके परिजनों और अन्य आगन्तुकों के लिए लगाए गये वाटर कूलर का उन्होंने शुभारंभ किया। इसके बाद राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा की गयी। इस दौरान जिला क्षय रोग केंद्र के अधिकारियों और पूरी टीम को उन्होंने निर्देश दिया कि टीबी मरीजों को परामर्श औऱ इलाज के साथ गुणवत्तापूर्ण सेवा देना सुनिश्चित करें। सीडीओ ने निर्देश दिया कि प्रत्येक टीबी मरीज को यह महसूस होना चाहिए कि स्वास्थ्य तंत्र उसके साथ खड़ा है। मरीज और उनके परिजनों के साथ अच्छा व्यवहार होना चाहिए। उन्हें दवा के साथ पोषण की महत्ता के बारे में विशेष तौर पर जानकारी दी जाए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने जिला क्षय रोग केंद्र में वाटर कूलर की सुविधा में सहयोग के लिए भारतीय स्टेट बैंक के उप महाप्रबंधक कुमार आनंद, क्षेत्रीय प्रबंधक जितेन्द्र कुमार, मुख्य प्रबंधक मुकुल श्रीवास्तव और ड्रिस्ट्रिक्ट लीड बैंक के जिला प्रबंधक मनोज श्रीवास्तव प्रति आभार जताया। उन्होंने उम्मीद जतायी कि नये वाटर कूलर से टीबी मरीजों और उनके परिजनों को स्वच्छ व ठंडा जल मिल सकेगा और उनके स्वस्थ होने की राह सुगम होगी। जिला क्षय रोग उन्मूलन अधिकारी डॉ गणेश यादव ने जिले में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की स्थिति के बारे में सीडीओ को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मरीजों की सुविधा के लिए गर्मी में टीनशेड भी डलवाया गया है और केंद्र में इंफेक्शन कंट्रोल संबंधी कार्यों पर विशेष जोर है। जिले में इस समय ड्रग रेसिस्टेंट टीबी के 307 मरीज, जबकि ड्रग सेंसिटिव टीबी के 8076 मरीज उपचाराधीन हैं। इन मरीजों को जांच और इलाज के अलावा 500 रुपये प्रति माह की दर से पोषण के लिए धनराशि भी इनके खाते में दी जाती है। केंद्र पर अत्याधुनिक सीबीनॉट मशीन से टीबी जांच की सुविधा उपलब्ध है, जिसके जरिये गुणवत्तापूर्ण जांच और इलाज संभव हो पा रहा है। इस मौके पर उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, डीपीसी धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्रा, मिर्जा आफताब बेग, जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ भोला, फिजियोथेरेपिस्ट आसिफ, एनएमए महेंद्र, टीबी डिपार्टमेंट से राजेश, केके शुक्ला, जेके यादव, शक्ति पांडेय, इंद्रनील, मयंक आदि रहे।