दुकानजी को अंतत सचिव महंत यमुना पुरी जी ने अखाडा मे शरण दिया
दुकानजी को अंतत सचिव महंत यमुना पुरी जी ने अखाडा मे शरण दिया
प्रयागराज की पुरे दुनिया मे आन बान शान बनाए रखने वाले दुकानजी का जन्म दारागंज स्थित श्री पंचायती अखाडा महानिर्वाणी के एक भाग में किराए के मकान में 1963 बसंत पंचमी को जन्म लेने वाले राजेंद्र कुमार तिवारी दुकानजी एक साधारण परिवार के रूप में अपने माता-पिता भाइयों के साथ रहते हुए विश्व भर में एक अद्भुत विधा का आविष्कार कर उसे मूँछ नृत्य का नाम देकर न केवल प्रयागराज को अपितु विश्व मे भारत देश का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इडिया बुक ऑफ रिकार्ड, इंटरनेशनल जूनो अवार्ड, इंटरनेशनल आइकान अवार्ड आदि के द्वारा गौरवान्वित कियाl उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने भी इन्हें गंगा सेवक सम्मान से समा दृत किया,क्योंकि दुकान जी संत महात्माओं की सन्निधि में रहते हुए गंगा स्वच्छता अभियान में रात दिन तत्पर रहकर अलग पहचान बनाई हैl
दुकान जी अपने इसी किराए के मकान में एक कोलाज संग्रहालय स्थापित किया था,जिसमें दुनिया की अनेक दुर्लभ वस्तुओं का संग्रह मे दुनिया की सबसे छोटी गीता, कुरान, सभी भाषा की रामायण, महाभारत,सभी तीर्थ के जल, 60 प्रकार के शंख, अद्भुत जिसे देखने माघ मेला कुम्भ मेला के अलावा देश विदेश से भी अनेक पर्यटक चैनल,टी वी यहा तक की बी बी सी लन्दन,
डिस्कवरी,डाक्यूमेंट्री बनाकर ले गये सन 2017 में श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव महंत श्री यमुना पुरी जी ने सभी किराएदारों को बुलाकर बताया कि यह अखाड़ा भवन अत्यंत जीर्ण शीर्ण हो गया है जिसे तोड़कर नया निर्माण कराया जाएगा l यह समाचार जानकर दुकान जी के भाई अपने परिवार सहित भवन छोड़कर अन्यत्र चले गए तथा महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्री यमुना पुरी जी महाराज ने अखाड़े के अंदर ही दुकान जी के लिए एक कमरे की व्यवस्था कराई, किंतु दुकान जी इससे संतुष्ट नहीं थे और अपने संग्रहालय के नष्ट हो जाने के तनाव में जीवन बिताने लगेl कुछ दिन बाद श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के दयालु महंत व सचिव को जब यह आभास हुआ कि दुकान जी क्षुब्ध हैं तो दुकान जी को बुलाकर कहा दुकानजी हमने सुना है आपके पास संग्रहालय हेतु अनोखी दुर्लभ वस्तुए है जो ईस कमरे मे नही आ सकती अत: मै आपको अखाड़े के सामने बडी कोठी के बगल मे अखाडे के ही दूसरे मकान मे आपकी व्यवस्था करवा देता हु आप वहा आराम से रहिए! और कुछ ही दिनो मे सचिव यमुना पुरी जी महराज ने उस मकान की रगाई पुताई सफाई करा दी जिसमे दो कमरा रसोई शौचालय स्नान घर आज की उचित व्यव्स्था है इस प्रकार संत हृदय नवनीत समाना चरितार्थ करते हुए स्वामी यमुना पुरी जी महाराज ने दुकानजी को उदारता के साथ शरण देकर इन्हे चिंता मुक्त कर दिया और प्रयागराज के ईस गौरवमय प्रतिभा का सम्मान किया सच ही कहा गया है कि संतो का हृदय विशाल होता है ! मै यमुना पुरी जी महाराज का सतत साधु वाद व्यक्त करता हु ।