कांस्टेबल ने 15 लोगों को जिंदा जलने से बचाया, विभाग ने की तारीफ
कांस्टेबल ने 15 लोगों को जिंदा जलने से बचाया, विभाग ने की तारीफ
अलीपुर फैक्ट्री में आग के दौरान कांस्टेबल कर्मवीर ने अपने बुलंद हौसले से इमारत की छत पर फंसे 15 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। हादसे में कर्मवीर भी झुलस गए। हालांकि, उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई। वह एसएचओ शैलेंद्र शर्मा के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। वह पहले नशा मुक्ति केंद्र की छत पर गए। केंद्र की छत की रेलिंग को चारों तरफ से कांटों की बाड़ लगाई गई थी, ताकि कोई भाग नहीं सके। इस वजह से इमारत में रहने वाले 15 लोग छत पर खड़े थे। कर्मवीर ने चारपाई की सहायता से बाड़ को दबाया और सभी को निकाला। फिर मालूम हुआ कि केंद्र की बराबद में मां-बेटी फंसी हुई हैं। आग की वजह से इमारत में धुआं भर गया था। कर्मवीर ने कुल्हाड़ी से छत पर लगा लोहे का गेट तोड़ा और अंदर घुसकर मां ज्योति और उसकी बेटी अन्नू को बचाया। खाटू श्याम मंदिर में सिक्योरिटी गार्ड विजय ने कांस्टेबल कर्मवीर का साथ दिया। वह साथ में छत पर चढ़ गया। विजय ने बताया कि वह ड्यूटी खत्म करके लौटा था और हादसे की सूचना मिलने पर छत पर चढ़ गया।
गौरव वर्मा ने बताया कि घर में पत्नी अंकिता, ढाई साल के जुड़वां बच्चे वर्णिका एवं कुंज मौजूद थे। तभी आग फैल गई और तीनों सदस्य पहली मंजिल पर बचाने की गुहार लगा रहे थे। तभी सामने के घर में रहने वाली सुधा दौड़ पड़ी। उसने एक बच्चे को गोद में लिया और अंकिता का हाथ पकड़कर बाहर खींच लाई। एक बच्चा अंकिता के गोद में था। इस तरह तीनों की जान बच गई।धुएं में कुल चार लोग घायल हुए हैं। इन सभी का उपचार अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि उनके अस्पताल में दो लोगों को भर्ती किया गया है। ये दोनों लोग आग में जलने की वजह से नहीं बल्कि इसके धुएं में सांस लेने की दिक्कत की वजह से अस्पताल में भर्ती किए गए हैं। दोनों मरीजों की हालत स्थिर है। दिल्ली पुलिस के एक सिपाही भी लोगों की जान बचाते हुए धुएं की चपेट में आए। हानिकारक केमिकल वाला धुआं सांस के रूप में लेने अंदर लेने से श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचा था। उनकी हालत भी ठीक है।