केपी ट्रस्ट का चुनाव पारदर्शी तरीके से हो : डॉ सुशील सिन्हा
कुमार नारायण , केपी श्रीवास्तव , जेपी श्रीवास्तव सहित बड़े कायस्थ नेताओं ने दिया डॉ सिन्हा को समर्थन
केपी ट्रस्ट का चुनाव पारदर्शी तरीके से हो : डॉ सुशील सिन्हा
प्रयागराज : मुंशी काली प्रसाद पाठशाला का चुनाव हर पांच साल में क्रिमस के दिन होता है , काली प्रसाद ने शिक्षा के विकास के लिए कायस्थ पाठशाला की स्थापना किया था बाद में कई कायस्थ समाज के नेताओं ने जमीन दान दिया था
समय बीतने के साथ साथ कई शैक्षणिक संस्थाएं स्थापित हुई लेकिन अब व्यावसायिक संतानों की भी भरमार हुई . हर पांच साल में चुनाव होता है , आर्थिक अगाम देखकर केपी ट्रस्ट में कायस्थ समाज के नेताओं की रूचि बढ़ी है . पिछले दो चुनाव से चौधरी परिवार का कब्ज़ा होने से इस साल के अंत में होने वाले चुनाव में बड़े कायस्थ नेताओं ने पिछले चुनाव के उपविजेता डॉ सिन्हा को अकेले प्रत्याशी बनाने का निर्णय लिया .
गाठ बीस अगस्त को कायस्थ पाठशाला के चुनाव के तहत , रिटर्निंग अफसर के न्युक्ति के सिलसिले में हुई बैठक, केवल पांच मिनट में समाप्त हो गयी और कहा जाता है गैर कायस्थ समाज के बंदूकधारी लोग आकर माहौल को ख़राब किये, जिसकी डॉ सुशील सिन्हा ने एक प्रेस वार्ता में निंदा किया .
विदित हो की डॉ सिन्हा को सन्युक्त रूप से विपक्ष का केपी ट्रस्ट का प्रत्याशी बनाया गया है . डॉ सिन्हा ने कायस्थ पाठशाला के विकास के लिए काम करने का वायदा किया . इसके पहले पूर्व महा सचिव कुमार नारायण ने कहा कि पिछले दिनों केपी ट्रस्ट के जनरल बैठक में गैर कायस्थों का प्रवेश को लेकर प्रेस वार्त्ता आयोजित है , एक सवाल के जवाब में कुमार नारायण ने कहा कि वे सब रिटर्निंग अफसर से खुश नहीं हैं लेकिन बाय लॉज के अनुसार रिटर्निंग अफसर की आलोचना नहीं की जा सकती है .
कायस्थ नेता जीपी श्रीवास्तव ने केपी ट्रस्ट के बनाये जाने के उद्देश्य का जिक्र किया , और कहा कि आज भी लोग दान देने को तैयार हैं, लेकिन जो होता है वह जमीन बेचने का काम करता है, उम्मीद है कि डॉ सुशिल सिन्हा कायस्थ पाठशाला का दुगुना विकास करेंगे
अभी चुनाव में बहुत समय है , अगली बैठक में प्रशाशक की न्युक्ति के लिए कायस्थ नेताओं ने अपील किया और यह भी कहा कि केपी ट्रस्ट का चुनाव शांति पूर्वक होना चाहिए . प्रेस वार्ता में केपी श्रीवास्तव के प्रतिनिधि अखिलेश श्रीवास्तव , कुमार नारायण , जीपी श्रीवास्तव , निशीथ वर्मा मौजूद थे और डॉ सिन्हा का समर्थन किया