एनसीजेडसीसी में शाम सुरमयी ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति से कलाकारों ने बांधा समां
एनसीजेडसीसी में शाम सुरमयी ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति से कलाकारों ने बांधा समां
प्रयागराज। दीपावली शिल्प मेले में तबले , बीन की धन, घुंघरूओं की झंकार, और नृत्य की भाव भंगिमाओं से लबरेज लोकनृत्य की प्रस्तुतियां रोज देखने को मिल रही हैं। संगम नगरी में ये सारा मंजर एक ऐसा कोलाज़ बनाता है, जिसके सब रंग चटकीले होते हैं। सांस्कृतिक संध्या के आठवें दिन भी यह अद्भुत आनंद दर्शकों ने शिद्दत से महसूस किया। शुक्रवार को झूमर और ओडिसी नृत्य प्रस्तुतियों ने मेले में सजी सांस्कृकित संध्या को और ऊंचाई पर पहुंचा दिया। विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपने क्षेत्रों के लोकगीत, लोकनृत्य व उपशास्त्रीय गायन से सभी का मन मोह लिया। यू.पी. की आशा देवी एवं दल ने अपने झूमर नृत्य से सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। वाराणसी के व्याख्या केंद्र के बच्चों ने देर ठहरो राम, सजा दो घर को गुलशन सा, श्री राम जानकी को प्रस्तुती देकर समां बांध दिया। इसके बाद पंडित देवाशीष डे एवं दल ने उपशास्त्रीय गीत “शिव की जटा में देखिए, “माथे सोहे चंद्र ललाम” को पेश किया। प्रयागराज की राधिका श्रीवास्ताव ने मंगला चरण एवं शिव ताडंव पर ओडिसी नृत्य का जलवा बिखेरा। दीपावली शिल्प मेला अपने शबाब पर है हर कोई इस मेले का साक्षी बनने को आतुर है। लोग शाम को खरीददारी करके मुक्ताकाशी मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का लुफ्त उठा रहे हैं।