हिंडालको की रामलीला शुरू, हिण्डाल्को प्रमुख एन. नागेश ने गणेश पूजन कर किया शुभारंभ
हिंडालको की रामलीला शुरू, हिण्डाल्को प्रमुख एन. नागेश ने गणेश पूजन कर किया शुभारंभ
रेनुकूट (सोनभद्र) । हिण्डाल्को रामलीला परिषद् द्वारा विगत 59 वें वर्षों से हिण्डाल्को रामलीला मैदान पर लगातार आयोजित हो रहे रामलीला मंचन रविवार की देर शाम को श्री गणेश पूजन के साथ प्रारंभ हो गया।
नौ दिनों तक चलने वाली इस रामलीला का समापन 24 अक्टूबर को रावण दहन के साथ होगा। हिण्डाल्को प्रमुख एन.नागेश उनकी धर्मपत्नी लक्ष्मी नागेश, मानवसंसाधन प्रमुख जसबीर सिंह एवं उनकी धर्मपत्नी सीमा मलहोत्रा ने गणेश पूजन तथा श्री रामचरित् मानस का पूजन कर रामलीला का शुभारंभ कराया।
श्री रामलीला मंचन के प्रथम दिन लगभग 250 कलाकारों द्वारा मंच पर एक साथ श्री रामचन्द्र कृपालु भगवन आरती, के साथ नारद मोह के लीला का मंचन किया गया। भगवान भोले नाथ माता पार्वती को श्रीराम कथा सुनाते हुए बताते हैं कि नारद जी को दो घड़ी से भी ज्यादा कहीं नहीं ठहर पाने का श्राप मिला हुआ था। श्राप मुक्त होने के लिए नारद जी तपस्या में लीन हो जाते हैं। नारद की तपस्या से इंद्र का सिंहासन डोलने लगता है तब इंद्र ने काम देव को नारद को समझाने के लिए भेजा। जिससे नारद मोहित हो जाते हैं। मोहिनी को रिझाने के लिए नारद जी सुंदर रूप पाने के लिए भगवान विष्णु के पास जाते है। विष्णु ने उन्हें वानर का रूप दे देते हैं। जिसका पता चलते ही नारद जी का मोह भंग हो जाता है ओर उनका घमंड भी टूट जाता है और नारद द्वारा भगवान विष्णु को तीन जन्म तक राक्षस बनने का श्राप देना, मनु सतरुपा के द्वारा घोर तपस्या से भगवान नारायण को पुत्र रूप में प्राप्ति का वरदान, रावण द्वारा भगवान शिव से चंद्रहास तलवार की प्राप्ति आदि लीलाओं का मनमोहक मंचन किया गया जिसका हजारो लीला प्रेमियों ने आनंद उठाया।
प्रथम दिन की लीलाओं के अंत में रामलीला परिषद् के अध्यक्ष पी.के. उपाध्याय ने बताया कि दूसरे दिन रामजन्म, सीता उत्पत्ती, राम.लक्ष्मण द्वारा विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा, अहिल्या उद्धार तथा राम-लक्ष्मण द्वारा जनकपुर भ्रमण आदि लीलाओं का मंचन किया जायेगा।
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रिपोर्ट मनोज सिंह राणा