डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भी होगा कवच से युक्त

रेलवे बोर्ड के एडिशनल मेंबर सिग्नल राजेश कुमार पांडे ने एनसीआर के दो दिवसीय दौरे पर EDFC के ऑपरेशन्स कण्ट्रोल सेंटर में निरिक्षण के दौरान कवच प्रणाली लगने की संभावनाओं के लिए चर्चा की
ईडीएफसी में कवच का प्राथमिक अनुमति प्रदान होने के बाद इसे लागू करने की संभावनाओं पर जोर देते हुए पांडे ने चर्चा की और साथ ही केंद्रीय यातायात नियंत्रण प्रणाली को ऑपरेशन्स कण्ट्रोल सेंटर में लागु करने की संभावनाओं को तलाशा।
140 किमी/घंटा से अधिक ट्रेन स्पीड के लिए, रेलवे में SPAD (Signal Passed at Danger) को कम करने के लिए कैब सिग्नलिंग के साथ ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) सिस्टम आवश्यक है। इंडियन रेलवे ने RDSO विनिर्देशों के अनुसार ट्रेन ऑपरेशन में सुरक्षा बढ़ाने के लिए अपने स्वदेशी ATP सिस्टम विकसित किए हैं। आत्मनिर्भर भारत की रणनीति के तहत, इंडियन रेलवे में ‘कवच’ को राष्ट्रीय स्तर के ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) सिस्टम के रूप में अपनाया गया है। इस सिस्टम को पहले ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम (TCAS) के नाम से जाना जाता था, जिसे अब ‘कवच’ नाम दिया गया है।
ATP एक सेफ्टी सिस्टम है जो लगातार ट्रेन की मूवमेंट पर नज़र रखता है और खतरनाक हालात को रोकने के लिए ऑटोमैटिकली दखल देता है।
ATP के मुख्य काम:
• सिग्नल पास्ड एट डेंजर (SPAD) को रोकता है
• स्पीड सुपरविज़न
• सिग्नल एनफोर्समेंट
• डिस्टेंस और ब्रेकिंग कर्व मॉनिटरिंग
• इमरजेंसी ब्रेक एप्लीकेशन
• स्पीड रिस्ट्रिक्शन एनफोर्समेंट
इन दो दिवसीय दौरे पर पांडेय ने उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) में फैक्टरी एक्सेप्टेंस टेस्ट (एफएटी) की समीक्षा करते हुए विश्वसनीयता, फॉल्ट-टॉलरेंट डिजाइन और साइबरसिक्योरिटी की जांच की, जिसमें सिमुलेटेड डेमो शामिल थे। एनसीआर मुख्यालय की बैठक में परिचालन डेटा, परीक्षण और चुनौतियों पर चर्चा हुई।
प्रयागराज ओसीसी में चीफ जनरल मैनेजर ए.बी. सरन ने ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस) वीडियो वॉल के फायदे बताए। रीयल-टाइम एनालिटिक्स, जीपीएस और प्रेडिक्टिव एल्गोरिदम पर आधारित टीएमएस, एससीएडीए से जुड़कर पावर, सिग्नल और एसेट मॉनिटरिंग करता है। पूर्ण सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल (सीटीसी) में समीकरण की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई, जो सिग्नलिंग को केंद्रीकृत कर हेडवे घटाएगा और थ्रूपुट बढ़ाएगा।
श्री पांडे ने बैटरी वोल्टेज, यूपीएस रिडंडेंसी, मोटर वोल्टेज, आईओटी सेंसर और अलर्ट पर रखरखाव पर निर्देश दिए, ताकि जीरो-डाउनटाइम सुनिश्चित हो।
पूर्वी मध्य रेलवे (ईसीआर) के डीडीयू मंडल के डिविजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) रहे पांडे ने न्यू डीडीयू यार्ड के विकास की यादें ताजा कीं। उन्होंने कार्यकाल के दौरान नए डीडीयू यार्ड के पूरे विकास की देखरेख की, जो आज मुख्य लाइनों, साइडिंग और फ्रेट टर्मिनलों से मल्टी-डायरेक्शनल कनेक्शन वाला एक बड़ा हब बन चुका है। इस बदलाव से रोजाना इंटरचेंज कमिटमेंट (via DDUN) 110 से बढ़कर 120 से अधिक रेक हो गए हैं, जिससे परिचालन में तेजी आई है।
निरिक्षण के दौरान भारतीय रेलवे से सतेंद्र कुमार (पीसीएसटीई/एनसीआर), विजय मालवीय (सीएसटीई प्रोजेक्ट्स/एनसीआर), डिप्टी सीएसटीई/एनसीआर और प्रमोद कुमार (सीनियर डीएसटीई/प्रयागराज/एनसीआर) शामिल रहे। डीएफसीसीआईएल से सीजीएम प्रयागराज ए.बी. सरन, जीएम (इलेक्ट्रिकल) शशिकांत द्विवेदी, जीएम (सिक्योरिटी) आशीष मिश्रा, एजीएम (ओपी&बीडी)/ईडीएफसी मन्नू प्रकाश दुबे और अन्य अधिकारी रहे ।

