November 22, 2024

कुछ ऐसे लोग अभी भी हैं जो खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर

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कुछ ऐसे लोग अभी भी हैं जो खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर

सिद्धार्थनगर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कई लोगों को सिर पर छत मिल गई है और इनमें से कुछ ऐसे लोग हैं जो अभी भी खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं ।

यहां एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सोचने को मजबूर कर दिया है । जनपद सिद्धार्थनगर के विकासखंड बर्डपुर के ग्राम पंचायत बरगदी के टोला बरगदी में गरीब महिला के पास घर न होने के कारण वह पेड़ के नीचे जिंदगी बसर करने पर मजबूर है । बारिश के समय छोटे से त्रिपाल के नीचे पूरे परिवार के साथ रहना भी उनके लिए मुश्किल हो गया है ।ग्राम पंचायत बरगदी की रहने वाली सोनमती कभी टत्रिपाल तो कभी खुले आसमान के नीचे गुजर बसर करती हैं तेज बारिश में जब त्रिपाल भी टपकने लगता है तब उन्हें स्कूल के बरामदे का सहारा लेना पड़ता है और वही रात बितानी पड़ती है । जबकि जनपद में अब तक हजारों लोगों को आवास योजना का लाभ मिल चुका है। सोनमती ने बताया कि गांव में उसके पास पहले कच्चा मकान था बारिश के वजह से गिर गया लगभग 3 सालों से वह आवास के लिए परेशान है और पास के ही एक स्कूल के जर्जर रसोईया में खाना बनाकर पेड़ के नीचे जीवन यापन बसर करती है सोनमती के पति मनरेगा में काम करते हैं जिससे जीवन यापन ना होने पर बेटे की पढ़ाई बंद कर कमाने के लिए भेजना पड़ा अब उसी से छोटे बच्चों की भी पढ़ाई जारी हैं। सोनमाती कहती हमारा दर्द कोई सुनने वाला ही नहीं है बस अधिकारियों और प्रधान द्वारा आश्वासन पर आश्वासन दिया जा रहा है। अगर इस बार आवास नहीं मिला तो भगवान से भी भरोसा उठ जाएगा।
वही जब ग्राम प्रधान से जानकारी ली गई तो उनका कहना कुछ अलग ही है।

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रिपोर्ट बजरंगी प्रसाद चौधरी

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