प्रयागराज के काल्विन अस्पताल वा सामाजिक संस्था ने किया करिश्माई काम। 20 साल से लापता व्यक्ति को किया परिजनों के सुपुर्द
प्रयागराज के काल्विन अस्पताल वा सामाजिक संस्था ने किया करिश्माई काम। 20 साल से लापता व्यक्ति को किया परिजनों के सुपुर्द

प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू चिकित्सालय (काल्विन) ऐसे तो अपने बेहतर उपचार के लिए काफी चर्चा में रहता है लेकिन इस बार चर्चा का विषय कुछ और ही है।
प्रयागराज के काल्विन अस्पताल में बीते कई महीनों से एक राजू पल नामक व्यक्ति लापता वार्ड में एडमिट थे और दमकी रूप से असंतुलित होने के कारण वह ज्यादा जानकारी नहीं दे पा रहे है । लेकिन उनकी देख रेख में पूरी डॉक्टर की टीम लगी रही और डॉक्टर्स और सामाजिक संस्था हाेपफुल शेल्टर फाउंडेशन की मदद से 20 साल से लापता राजू चौहान को उनके घर वालों के सुपुर्द कर दिया गया है। राजू बीते 20 सालों से लापता थे । वह मूल रूप से मध्यप्रदेश पटेलवाड़ा के रहने वाले है और मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण वो अपने गांव से ही कही चले आएं थे उसके बाद वह कही से प्रयागराज पहुंचे और यहां उन्हें जिम्मेदारों ने अस्पताल में भर्ती कर दिया जिसके बाद अस्पताल प्रशाशन वा एनजीओ लगातार उनकी मदद करने के प्रयास में था अंततः आज उनके परिजन उनको लेने आए और राजू चौहान और उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया।
इस मौके पर परिजन के साथ साथ राजू भी काफी खुश नजर आए।
परिजनों का कहना था कि हम लोग पूरी तरह से आस छोड़ चुके थे नहीं पता था कि भगवान का करिश्मा होगा और हमारा भाई हमें वापिस इतने सालों बाद मिलेगा । लग रहा था कि कही खत्म न हो गया हो हालांकि मन में एक आस थी लेकिन हमें नहीं पता था कि हमारा भाई जिंदा होगा क्योंकि कोविड आया और तमाम चीजें आई लेकिन भगवान का और सभी डॉक्टर और संस्था की टीम का धन्यवाद की उन्होंने हमे मिलवाया । उन्होंने आखरी में सरकार और प्रशासन का भी धन्यवाद दिया ।
वही राजू टूटी भाषा में ही बताया कि वो कैसे खो गए थे और कैसे मिले कब मिले और उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया साथ ही अपनी खुशी भी जाहिर की ।
मुख्य अधीक्षक मोतीलाल नेहरू चिकित्सालय काल्विन सुमन चौधरी ने बताया कि हमारे यहां लापता स्पेशल वार्ड है जिसमें सभी लापता लोगों को एडमिट कर उनकी देख भाल की जाती है और बेहतर सुविधा दी जाती है वही एक दिन किसी अनजान व्यक्ति द्वारा राजू को एडमिट कराया गया था और तभी से हम राजू की देख भाल में थे और यह प्रयास भी कर रहे थे कि इनको जल्द से जल्द इनके परिवार से मिलवा दिया जाए लेकिन उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी इस लिए ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन धीरे धीरे उनकी स्थिति ठीक हुई तो उन्होंने बताया जिसके बाद हमने और एक सामाजिक संस्था ने मिलकर इनको इनके परिवार के सुपुर्द आज किया है और भगवान से उज्वल भविष्य की कामना की है।

