संस्कृति एवं विरासत क्लब के जरिए बनेगें भारत भाग्य विधाता-न्यायमूर्ति सुधीर नारायण

प्रयागराज। संस्कृति एवं विरासत क्लब के जरिए बनेगें भारत भाग्य विधाता। विरासत को संजोने में देर जरूर हुई लेकिन अब इस क्लब के माध्यम से हर विद्यालय में संस्कृति और विरासत पर चर्चा होगी तथा भारत के भाग्य विधाता और नैतिक नागरिक को गढ़ा जायेगा।
उक्त बातें आज राजकीय इण्टर कालेज में न्यायमूर्ति सुधीर नारायण ने जनपद के संस्कृति एवं विरासत क्लब के उद्घाटन के अवसर पर कही।

प्रयागराज विद्वत परिषद और भारत भाग्य विधाता द्वारा जनपद के समस्त स्कूलों में संस्कृति एवं विरासत क्लब का गठन करके विरासत और संस्कृति के जरिए भारत भाग्य विधाता के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस अवसर पर लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष पूर्व कुलपति प्रोफेसर के बी पांडे ने कहा कि प्रयागराज में प्रधानाचार्य गुरुओं से बड़ी अपेक्षा है। प्रयागराज वह स्थान था जिसने देश को दिशा दी है, आध्यात्म विज्ञान की नगरी रही यहीं पर हवाई जहाज का आविष्कार हुआ। हमें अपने गौरव को पुनर्स्थापित करना है इसमें आप सभी गुरुओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।
इस अवसर पर जिला विद्यालय निरीक्षक पी के सिंह ने कहा कि यह हम गुरुओं का दायित्व है कि बच्चे जो कच्ची मिट्टी के समान है। इनके अंदर प्रबल राष्ट्र प्रेम और नैतिक नागरिक बनने का कार्य करना है।
संयोजक वीरेंद्र पाठक ने बताया कि विद्यालय में राष्ट्र भक्तों महापुरुषों के नाम से संस्कृति एवं विरासत क्लब बनेगा शहीदों महापुरुषों की आजाद गाथा सुन कर उनसे चर्चा करके उनके अंदर राष्ट्र प्रेम की भावना भरना है।
इस अवसर पर प्रयागराज के इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डा प्रभाकर त्रिपाठी ने किया।
कार्यक्रम में प्रश्न उत्तर का दौर भी चला। इसमें डा मोरार जी त्रिपाठी ने भी अपना विचार व्यक्त किया।डा श्रवण मिश्र शशिकांत मिश्र सुनीता जी आदि भी शामिल रहे।

