रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जी ने राजस्थान के 65 रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं से जुड़े प्रमुख विभिन्न कार्यों का राष्ट्र को समर्पण किया
रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव जी ने आज खातीपुरा रेलवे स्टेशन का दौरा किया और राजस्थान में यात्रियों की सुविधा बढ़ाने तथा आधुनिक और कुशल रेल सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की। ये पहल राज्य के रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को रूपांतरित करने और यात्रियों के यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम हैं।
अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्थान के 65 रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए किए गए विकास कार्यों का उद्घाटन किया। इनमें रामसर, सिवानी, लूनी, पृथ्वीराज पुर और भगत की कोठी जैसे स्टेशन शामिल हैं। इन सुधारों में प्रतीक्षालयों का आधुनिकीकरण, बेहतर प्रकाश व्यवस्था, उन्नत स्वच्छता सुविधाएँ, बैठने की सुविधाएँ, स्पष्ट साइनबोर्ड और दिव्यांगजन के अनुकूल इंतजाम शामिल हैं, जिससे स्टेशन और अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और यात्रियों के अनुकूल बन गए है।
साथ ही, केंद्रीय मंत्री ने जयपुर–आसारवा एक्सप्रेस की सभी एसी श्रेणियों में मुद्रित कंबल कवर (printed blanket covers) की नई व्यवस्था शुरू की, जिससे यात्रा में स्वच्छता, एकरूपता और आरामदायक अनुभव सुनिश्चित होगा।
कार्यक्रम के दौरान माननीय केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रेलवे का विकास कई मोर्चों पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। नई प्रकार की ट्रेनों की शुरुआत, नए स्टेशनों का निर्माण, नई रेल लाइनें, विद्युतीकरण कार्यों की पूर्णता और आधुनिक रखरखाव डिपो का निर्माण जारी है। उन्होंने कहा कि इन सबके साथ ही रेलवे का मुख्य उद्देश्य यात्रियों के जीवन में सार्थक बदलाव लाना है।
केंद्रीय बजट 2025–26 में राजस्थान में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए ₹9,960 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो तेजी से विस्तार और आधुनिकीकरण को आगे बढ़ा रहा है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत प्रदेश में 85 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है, जिनमें से इस वर्ष 8 स्टेशनों का लोकार्पण हो चुका है। राज्य में आज 12 वंदे भारत सेवाएं संचालित हो रही हैं, जो प्रमुख मार्गों पर तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा प्रदान कर रही हैं।
ये योजनाएँ राजस्थान में आधुनिक, कुशल और यात्री-केंद्रित बुनियादी ढांचे के निर्माण के प्रति रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।