वैवाहिक वाद के मुकदमे में सास ससुर के विरुद्ध चल रही अदालत की कार्रवाई पर रोक
दहेज मांगने व गाली गलौच का आरोप बुजर्ग बीमार सास ससुर पर बहु ने लगाया था, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरठ के एक वैवाहिक वाद से जुड़े मुकदमे में सास ससुर को राहत देते हुए एसीजेएम अदालत में लंबित मुकदमे की अग्रिम कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सास ससुर के ऊपर दहेज मांगने का कोई आरोप नहीं लगने पाया।
यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान ने नरेश कुमार मल्होत्रा व उनकी पत्नी की याचिका पर दिया। याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने कोर्ट को बताया कि पंजाब निवासी नरेश मल्होत्रा व उनकी पत्नी अपने बड़े बेटे के साथ पिछले कई सालों से पंजाब में ही रहते चले आ रहे हैं। अपने छोटे बेटे अंकुश मल्होत्रा जो पुणे में इंजीनियर है मेरठ की इंजीनियर मेघा खट्टर नामक लड़की से वर्ष 2011 में बिना दहेज के विवाह हुआ था। शादी की 1 महीने के बाद से दोनों इंजीनियर दंपति पुणे में रहकर अपनी नौकरी कर वैवाहिक जीवन अच्छे से व्यतीत कर रहे थे ।पति और पत्नी ने मिलकर पुणे में फ्लैट भी खरीदा। साथ मे एक पपी कुत्ता भी पाल लिया उसी को लेकर विवाद हुआ।अब शादी के 13 साल बाद पत्नी ने पति व याचीगण पर विभिन्न आरोप लगाते हुए घरेलू हिंसा व आपराधिक मुकदमा मेरठ के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल कर यांचीगण को सम्मान कर दिया जबकि याची के माता-पिता शादी के बाद से ही अलग पंजाब में रहते हैं । विपक्षी बहू मेघा खट्टर का आरोप है कि उसके पति ने पालतू कुत्ते पपी व उसको मारा पीटा और ससुर से 25 लाख मांगें और दहेज की मांग की। बहु ने एक अन्य मुकदमा भी अदालत में दायर किया था जिसे अदालत ने खारिज कर दिया जिस पर हाईकोर्ट ने याची अधिवक्ता सुनील चौधरी की दलील को सुनकर याचीगढ़ सास ससुर के विरुद्ध निचली अदालत की अग्रिम कार्रवाई पर रोक लगाते हुए विपक्षी को नोटिस जारी कर जवाब तीन सप्ताह में दाखिल करने का आदेश दिया है और मुकदमे की अगली सुनवाई तक निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगा दी।