‘विकसित भारत’ थीम पर चित्रकला प्रतियोगिता, कलाकारों ने दिखाई प्रतिभा
प्रयागराज। रंगों और कूचियों ने जब ‘विकसित भारत’ का सपना साकार किया तो इलाहाबाद संग्रहालय का हर कोना कला और सृजन की छटा से भर उठा। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र एवं इलाहाबाद संग्रहालय, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को सेवा पर्व के तहत आयोजित एक दिवसीय चित्रकला प्रतियोगिता में लगभग 500 से अधिक कलाकारों ने अपनी कल्पनाओं को कैनवास पर उतारा।
कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय न्यायमूर्ति सुधीर नारायण (सेवानिवृत्त) ने दीप प्रज्वलित कर किया। प्रतियोगिता में स्कूल, कॉलेज और प्रोफेशनल आर्टिस्ट शामिल हुए, जिन्होंने डिजिटल क्रांति, यूपीआई, आधार, चंद्रयान-3, आदित्य-एल1, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे विषयों पर मनमोहक चित्र बनाए। इन रचनाओं ने विकसित भारत की दिशा में हो रही प्रगति का सजीव चित्रण किया।
विशिष्ट अतिथि जिलाधिकारी प्रयागराज मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए हमें अपनी संस्कृति और धरोहरों की गहरी समझ जरूरी है। उन्होंने कहा कि आर्थिक मजबूती में कला और संस्कृति की महत्वपूर्ण भूमिका है।
न्यायमूर्ति सुधीर नारायण (सेवानिवृत्त) ने कलाकारों की कृतियों को समाज में बदलाव की ताकत बताया। केंद्र निदेशक सुदेश शर्मा ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं युवा कलाकारों को प्रतिभा दिखाने और आत्मविश्वास बढ़ाने का मंच देती हैं। विजेताओं की घोषणा आगामी 2 अक्टूबर को दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम में की जाएगी।
इस अवसर पर ललित कला अकादमी के क्षेत्रीय सचिव देवेंद्र त्रिपाठी, इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक राजेश प्रसाद, समाजसेवी सुबंधु, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दृश्य कला विभाग के अध्यक्ष अजय जेतली और सुश्री नमिता मलिक एवं केंद्र के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कल्पना सहाय ने किया।